64 Yogini Mandir, Ranipur-Jharial – A Temple of Mysticism and Heritage
ओडिशा के बलांगीर ज़िले में स्थित रानीपुर-झरियाल का 64 योगिनी मंदिर भारत की अद्भुत धरोहरों में से एक है। यह मंदिर न केवल अपनी अनोखी संरचना के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि तंत्र साधना और योगिनी पूजा से जुड़े रहस्यमय इतिहास को भी संजोए हुए है।
माना जाता है कि यह मंदिर 9वीं शताब्दी में सोमवंशी शासकों द्वारा बनवाया गया था।
64 योगिनी मंदिर भारत में बहुत ही कम स्थानों पर पाए जाते हैं, और ओडिशा का यह स्थल उनमें से एक है।
योगिनी साधना का संबंध प्राचीन तांत्रिक परंपराओं से है, और यह स्थान उस साधना का प्रमुख केंद्र रहा है।
यह मंदिर गोलाकार (circular) रूप में बना है, जिसकी दीवारों में 64 छोटी-छोटी योगिनियों की प्रतिमाएँ स्थापित हैं। बीच में एक मुख्य शिवलिंग स्थित है, जिसे “महामाया” कहा जाता है।
मंदिर का खुला आकाशीय ढांचा (roofless structure) इसे और भी रहस्यमय बनाता है।
यहाँ पर योगिनी पूजा, शक्ति साधना और तंत्र साधना का विशेष महत्व है ,माना जाता है कि यह स्थल शक्ति उपासना का एक जीवंत केंद्र रहा है। आज भी दूर-दराज से साधक और पर्यटक यहाँ आकर ध्यान और साधना करते हैं।
रानीपुर-झरियाल एक शांत और प्राकृतिक वातावरण से घिरा हुआ है। यहाँ पहुँचकर आपको इतिहास, अध्यात्म और रहस्य का अनूठा संगम महसूस होता है।
सुबह ठीक 6 बजे मैं बाइक लेकर रानीपुर-झरियाल के लिए निकला। बाँगोमुंडा के पास हल्की बारिश की वजह से थोड़ी देर रुकना पड़ा, लेकिन उस हल्की-हल्की फुहार का आनंद लेते हुए मैं अपनी यात्रा जारी रखी। जब मैं रानीपुर-झरियाल पहुँचा, तो सुबह का नज़ारा इतना खूबसूरत था कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
यात्रा के दौरान कुछ stylish तस्वीरें भी खींचीं। अकेला होने की वजह से सेल्फ़ी से ही काम चलाना पड़ा, लेकिन उनमें से यह तस्वीर मुझे सबसे ज़्यादा पसंद आई। 🙏🙏🙏
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