Tuesday, September 2, 2025

शहडोल रेलवे स्टेशन – चाय, सफ़र और यादों का संगम

 शहडोल रेलवे स्टेशन – चाय, सफ़र और यादों का संगम


भारत में रेलयात्रा सिर्फ़ एक सफ़र नहीं होती, ये एक एहसास है। हर स्टेशन की अपनी खुशबू, अपनी रफ़्तार और अपनी कहानियाँ होती हैं। और अगर बात शहडोल रेलवे स्टेशन की करें, तो यहाँ की पहचान है — गर्मागरम चाय और सुकून भरे लम्हे।





शहडोल, मध्यप्रदेश का एक छोटा लेकिन खूबसूरत शहर है, जो कोयला खदानों और हरियाली के लिए जाना जाता है। इसका रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए न सिर्फ़ सफ़र का पड़ाव है, बल्कि ज़िंदगी का एक छोटा सा ठहराव भी है।
यहाँ आते-जाते लोग, रेलगाड़ी की सीटी और चायवालों की आवाज़ – सब मिलकर एक अलग ही रौनक बना देते हैं।



☕ चाय और सफ़र का अटूट रिश्ता

ट्रेन और चाय का रिश्ता भारत की रगों में बसता है।
शहडोल स्टेशन पर जब मैंने डिब्बे की सीढ़ियों पर बैठकर चाय का प्याला हाथ में लिया, तो लगा जैसे सफ़र का असली मज़ा अब शुरू हुआ हो।
भीड़भाड़ के बीच वो छोटी-सी कुल्हड़ या पेपर कप वाली चाय, थकान को दूर कर देती है और सफ़र को नया रंग दे देती है।





तस्वीरें सिर्फ़ चेहरे को नहीं, उस वक़्त की फीलिंग्स को भी कैद कर लेती हैं।
ट्रेन के दरवाज़े पर बैठकर हाथ में चाय लिए मैंने जो तस्वीरें खींची, वो सिर्फ़ फोटो नहीं, बल्कि यादों का खज़ाना बन गईं।
ये तस्वीरें remind कराती हैं कि सफ़र सिर्फ़ मंज़िल तक पहुँचना नहीं होता, बल्कि रास्ते में ठहरकर उन छोटे-छोटे पलों को जीना भी उतना ही ज़रूरी है।





सफ़र लंबा हो या छोटा, मंज़िल बड़ी हो या छोटी – रास्ते में मिलने वाली चाय और स्टेशन का माहौल, दोनों मिलकर सफ़र को ख़ास बना देते हैं।
और शहडोल स्टेशन पर बिताए गए ये पल, हमेशा मेरी डायरी के सबसे खूबसूरत पन्नों में दर्ज रहेंगे।

"शहडोल की चाय का स्वाद, अब सिर्फ़ ज़ुबान पर नहीं, यादों में भी बस गया है।"






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